पेसिफिक कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी के छात्र-छात्राओं ने बड़ी स्थित नारायण सेवा संस्थान का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस भ्रमण का उद्देश्य छात्रों को दिव्यांग जनों के लिए किए जा रहे कार्यों, उनकी चिकित्सा सेवाओं और उनके पुनर्वास कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्रदान करना था।
उदयपुर के PMCH अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की मेहनत और सूझबूझ से 38 वर्षीय मरीज की आंखों की रोशनी बचाई गई। मस्तिष्क के पास पहुंची लोहे की वस्तु को सफल ऑपरेशन के जरिए निकाला गया। यह सफलता हमारे डॉक्टर्स की निपुणता और समर्पण का प्रमाण है। PMCH की टीम को बधाई!
सुंदर और स्वस्थ मुस्कान, पीएमसीएच की पहचान! 18 वर्षीय युवती को सर्जरी के माध्यम से दिया नया आत्मविश्वास और खुशहाल जीव
स्पंदन सांस्कृतिक महोत्सव में PMCH के विद्यार्थियों ने अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन किया! उनका समर्पण और उत्साह दर्शाता है कि जब रचनात्मकता और मेहनत मिलते हैं, तो हर कोई एक स्टार बन सकता है!
विश्व मधुमेह दिवस पर पीएमसीएच द्वारा आयोजित विशेष वाकायोन में लोगों को मधुमेह और लकवा से बचाव का संदेश दिया गया। सेहत का ख्याल रखना है तो जागरूक रहना है! हमारा मिशन है हर किसी को स्वस्थ जीवन की ओर प्रेरित करना। इस तरह की पहल से हम एक स्वस्थ समाज की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
पीएमसीएच में एंडोस्कोपी और ईआरसीपी कार्यशाला का सफल आयोजन! स्वास्थ्य सेवाओं में नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण, विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में हुआ। इस कार्यशाला के माध्यम से हमारी टीम ने नए कौशल सीखे और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का संकल्प लिया।
पीएमसीएच के डॉक्टरों ने किया असंभव को संभव! 983 ग्राम के प्रीमेच्योर बेबी का सफल ऑपरेशन कर उसे दिया नया जीवन। यह सफलता पीएमसीएच की उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं का प्रमाण है। हमारी टीम का यह समर्पण और प्रयास हमें गर्व से भर देता है।
पीएमसीएच उदयपुर में 3 साल की बच्ची की जान बचाई गई, जिसने गलती से सुपारी निगल ली थी। हमारी मेडिकल टीम ने बिना सर्जरी के दूरबीन द्वारा सुपारी को सफलतापूर्वक निकाल कर बच्ची को नई जिंदगी दी। बिना सर्जरी के सुरक्षित इलाज उन्नत तकनीक और विशेषज्ञ डॉक्टर पीएमसीएच उदयपुर में हम हर मरीज को सबसे बेहतर और उन्नत चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते हैं।
पेसिफिक कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत शानदार पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया! हमारे छात्रों ने अपनी रचनात्मकता और जागरूकता से नशे के खिलाफ लड़ाई में योगदान दिया है। इस पहल के माध्यम से, हम स्वस्थ और नशा मुक्त समाज के निर्माण के लिए संकल्पित हैं।
Pacific Hospital ने दुर्लभ बीमारी ट्राइकोबीजोर से पीड़ित मरीज की सफल सर्जरी कर चिकित्सा जगत में एक और सफलता हासिल की। हमारी विशेषज्ञ टीम ने असंभव को संभव बनाया, और रोगियों के स्वास्थ्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है।
पेसिफिक हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने मलेरिया से जूझ रहे मरीज को नया जीवन दिया! उनके समर्पण और कुशलता से एक और जीवन सुरक्षित हुआ। हमें गर्व है हमारे डॉक्टरों पर, जो हर दिन लोगों की जान बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पीएमसीएच में चिकित्सा का एक और सफल कदम! जन्मजात रीढ़ की हड्डी के टेढ़ेपन से पीड़ित बच्चे की स्कोलियोसिस सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न की गई। हमारा समर्पण आपके स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन के लिए!
कैन्सर रोगियों के लिए इम्यूनोथैरेपी बनी आशा की नई किरण! डॉ. एमबी अग्रवाल का मानना है कि इस थैरेपी से कई मरीजों को जीवनदान मिला है। जानिए कैसे इम्यूनोथैरेपी कैन्सर के खिलाफ जंग में एक प्रभावी हथियार साबित हो रही है।
Bahut khushi ki baat hai ki humari team ne ek maa aur unke 3 bachon ki nazar wapas laayi free cataract surgery ke zariye. Nazron mein roshni, zindagi mein khushiyaan – yehi hai PMCH ka mission!
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (PMCH) को एनएबीएच के 5वें संस्करण की पूर्ण मान्यता प्राप्त हुई है! यह मान्यता हमारे मरीजों को सर्वोच्च स्तर की सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हम उदयपुर और दक्षिणी राजस्थान के लोगों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं किफायती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए निरंतर समर्पित हैं। आपका विश्वास हमारी ताकत है, और हम आपके लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पेड़ लगाओ, पर्यावरण बचाओ! राहुल अग्रवाल जी का 50,000 पेड़ लगाने का संकल्प हमें प्रेरित करता है। आइए, इस हरित क्रांति में हम भी अपना योगदान दें और बेदला पहाड़ी क्षेत्र को हरा-भरा बनाएं।
बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञों की कॉन्फेस 'लेकसिटी पिडक्रिटकॉन 2024' की सफलता की कहानी! इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने नवीनतम ट्रेंड्स, शोध, और इलाज की विधियों पर चर्चा की। एक बेहतरीन मंच, जहाँ ज्ञान और अनुभव का आदान-प्रदान हुआ।
पीएमसीएच में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर बड़ी चर्चा! लेकसिटी पिडक्रिटकॉन 2024 का आगाज।
उदयपुर के पैसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) ने पर्यावरण संरक्षण के लिए 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत 21 पेड़ लगाए। इस पहल से ग्लोबल वार्मिंग कम होगी और आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ वातावरण मिलेगा।
Over 250 specialists will join us for a two-day conference on August 9-10 at the "Lactic Pediatric Congress 2024" in Udaipur.
उदयपुर ऐम्ब्रियोलॉजी सोसाइटी के सदस्यों ने मनाया विश्व ऐम्ब्रियोलॉजिस्ट दिवस आईवीएफ प्रक्रिया में एम्ब्रियोलॉजिस्ट महत्वपूर्ण कड़ी लुइस ब्राउन का जन्म कराने में उदयपुर (वि)। उदयपुर ऐम्ब्रियोलॉजी सोसाइटी की ओर से विश्व ऐम्ब्रियोलॉजिस्ट दिवस मनाया गया। पेसिफिक आईवीएफ की साइंटिफिक डायरेक्टर एवं प्रोफेसर डॉ. मनीषा बाजपेयी ने बताया कि यह दिवस 1978 को इंग्लैंड के मैनचेस्टर जिला अस्पताल में पहले इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानि आईवीएफ से जन्में बच्चे लुइस ब्राउन की याद में मनाया जाता है। उदयपुर ऐम्ब्रियोलॉजी सोसाइटी के सभी सदस्यों ने विश्व ऐम्ब्रियोलॉजिस्ट दिवस मनाया। डॉ.बाजपेयी ने बताया कि आईवीएफ में नोबल पुरस्कार विजेता इंग्लैंड के गायनेकोलॉजिस्ट पैट्रिक स्टेप्टो और साइंटिस्ट रॉबर्ट एडवर्ड्स ने मेडिकल साइंस की मदद से बांझपन का इलाज ढूंढ कर 10 सालों में 282 असफलताओं के बाद आईवीएफ से जन्में पहलें बच्चे सफलता मिली। आईवीएफ की नई तकनीकी, इसके लाभ, बेहतर उपचार आदि पर मंथन किया। बताया गया कि एक एम्ब्रियोलॉजिस्ट किसी भी वैज्ञानिक से कम नहीं होते। वो आईवीएफ प्रक्रिया या एम्ब्रॉयोस फ्रीजिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले विएबल एम्ब्रॉयोस को बनाने में मदद करते हैं। एम्ब्रियोलॉजिस्ट की जिम्मेदारी में एम्ब्रॉयोस बनाने में जेनेटिक फैब्रिक के इस्तेमाल को मैनेज करना और मेन्टेन करना भी शामिल होता है। अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर आवेदन 6 तक उदयपुर (वि) । अल्पसंख्यक मामलात विभाग जयपुर के अधीन राजकीय अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, वरिष्ठ षिक्षक, षिक्षक, वरिष्ठ व कनिष्ठ सहायक एवं छात्रावास अधीक्षकों के प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापन के लिए आवेदन 6 अगस्त तक किये जा सकते है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी श्रीमती खुषबू शर्मा ने बताया कि इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन पत्र विभाग की वेबसाईट से डाउनलोड कर सकते है तथा आवेदन पत्र आवष्यक दस्तावेजों सहित निदेषालय अल्पसंख्यक मामलात विभाग जयपुर में एवं जिला अल्पसंख्यक कार्यालय में डाक द्वारा या व्यक्तिष: निर्धारित तिथि तक जमा करवा सकते है।
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के आईवीएफ विभाग की साइन्टिफिक डॉयरेक्टर डॉ. मनीषा वाजपेयी ने 'एम्स्टर्डम, नीदरलैंड में यूरोपियन सोसाइटी ऑफ Manisha ह्यूमन रिप्रोडक्शन एंड एम्ब्रियोलॉजी की ओर से आयोजित कॉन्फेस में ईएसएचआरई-2024 वेजाइनल माइक्रोबायोम पर पीएमसीएच में किए रिचर्स को प्रजेन्ट किया। इस कॉन्फ्रेंस में राजस्थान से केवल डॉ. मनीशा वाजपेयी को अपना शोध प्रस्तुत करने के लिए चुना गया। डॉ. मनीषा वाजपेयी ने बताया कि आईवीएफ की सफलता के साथ नई तकनीक के बाद भी दुनिया भर में आईवीएफ की सफलता दर 50 फीसदी से 60 फीसदी ही है और शेष असफल मामलों में कई कारको का पता नहीं चलता है और पीजीटी और पीजीएस जेनेटिक टेस्ट के बाद भी जबकी एंडोमेट्रियम भी अच्छा था फिर भी आईवीएफ की सफलता नहीं बढ़ी। डॉ. वाजपेयी ने स्पष्ट किया कि वेजाइनल माइक्रोबायोम महिलाओं के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । यह सूक्ष्मजीवों का एक जटिल समुदाय है जो वेजाइनल में रहता है और विभिन्न स्वास्थ्य परिणामों को प्रभावित कर सकता है, जिनमें इन विट्रो फर्टिलाइजेशन ( आईवीएफ) के परिणाम भी शामिल हैं ।
रत्नागिरी विकास समिति एवं भुवाणा ग्रामवासियों की ओर से 22 जुलाई सावन के पहले सोमवार को कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जा रहा हैं । यह कांवड यात्रा बावड़ी वाले हनुमान मन्दिर, भुवाणा से अमरख महादेव मंदिर तक जाएगी। इस आयोजन को लेकर मंगलवार को पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के चेयरमेन राहुल अग्रवाल, एक्जिक्यूटिव डॉयरेक्टर अमन अग्रवाल, मांगीलाल लौहार, शंकर सुखवाल, मौनू शर्मा एवं रत्नागिरी विकास समिति के सभी पदाधिकारियों ने कांवड यात्रा के पोस्टर का विमोचन किया । इस कांवड यात्रा में ग्यारह सौ कांवडिए बावड़ी वाले, हनुमान मन्दिर भुवाणा से कांवड में जल भरकर अमरख महादेव मंदिर लेकर जाएगें एवं भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करेगें । पोस्टर विमोचन के इस अवसर पर पीएमसीएच के चेयरमेन राहुल अग्रवाल ने कहा कि सावन में कांवड़ यात्रा की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही हैं साथ ही ऐसी मान्यता है कि सावन माह में कांवड़ लाने और शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस अवसर पर रत्नागिरी विकास समिति के समस्त पदाधिकारी मौजूद रहे।
आज के दौर में हड्डियों और जोड़ों का दर्द बेहद आम बात हो गयी है, उम्र दराज लोग ही नहीं कम उम्र के युवा भी हड्डियों के दर्द से अछूते नहीं हैं। ऐसे में आपको इस दिक्कत से निजात पाने के लिए हड्डियों की जांच करवाने के जरूरत है । और इसी समस्या से निजात दिलाने एवं हड्डियों के जॉच के लिए पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की ओर से निशुल्क बोन मिनरल डेंसिटी (बीएमडी) जॉच शिविर का आयोजन किया गया । स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राजरानी शर्मा ने बताया कि प्रातः 10.30 से 2 बजे तक आयोजित इस शिविर में 138 महिलायों ने बोन मिनरल डेंसिटी जॉच की गई।
कहते हैं कि डॉक्टर इस धरती पर भगवान का दूसरा रूप होते हैं। वो डॉक्टर ही हैं, जो इंसान को मौत के मुंह से निकालकर नया जीवनदान देने का हर संभव प्रयास करते हैं । इसी कड़ी में डॉक्टर्स के इसी योगदान के प्रति आभार जताने और उन्हें सम्मान देने के उद्देश्य से आज डाक्टर्स डे के अवसर पर पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में सींडलिंग स्कूल के 25 विधाथीयों ने चिकित्सकों को चॉकलेट एवं ग्रीटिंग कार्ड देकर तथा केक कटवा कर शुभकामनाएं दी एवं उनका अभिनन्दन किया। पीएमसीएच के ऐक्जिक्यूटिव डॉयरेक्टर अमन अग्रवाल ने बताया कि इस साल की थीम ह्य हीलिंग हैंड्स, केयरिंग हार्ट्स ह्य है। यह विषय डॉक्टरों द्वारा अपनी चिकित्सा पद्धति में लाए गए समर्पण, करुणा और सहानुभूति को उजागर करता है, जो जीवन को बचाने और बेहतर बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दशार्ता है। डाक्टर्स डे के इस अवसर पर सींडलिंग स्कूल के विधाथीयी ने पीएमसीएच का दौरा किया और मरीजों की जान बचाने और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए डॉक्टरों के प्रति अपनी कृतज्ञता की भावनाओं को साझा किया।
पेसिफिक मेडिकल विश्वविद्यालय के तहत संचालित तिरुपति कॉलेज ऑफ नर्सिंग के सैकड़ों विद्यार्थियों ने जयपुर में पुलिस कमिश्नरेट के सामने शहीद स्मारक पर कॉलेज की मान्यता एवं आरएन नंबर दिलाने की पुरजोर मांग उठाते हुए नर्सिंग कौंसिल, राज्य सरकार के खिलाफ धरना देकर नारेबाजी की। सभी ने कड़ी धूप में दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक धरना दिया और स्वास्थ्य मंत्री सहित सरकार से न्याय दिलाने की गुहार की। नर्सिंग विद्यार्थी विकास सारंग ने बताया आरएन नहीं मिलने से विद्यार्थी मानसिक तनाव में हैं। आरएन के अभाव में नौकरी नहीं मिल पाने से छात्रों एवं उनके आश्रितों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। इन विद्यार्थियों ने अपनी पढ़ाई के लिए बैक से लोन तो कहीं जमीन बेचकर फीस जमा कराकर पढ़ाई पूरी की है । लेकिन नर्सिग कौंसिल एवं सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये से इनको अभी तक आरएन नम्बर नहीं मिल पाया है। जिससे इनको बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। नर्सिंग विद्यार्थी देवाराम ने बताया राजस्थान नर्सिंग कौंसिल के इस गैर जिम्मेदार निर्णय के खिलाफ कॉलेज प्रबंधन ने भी जमकर आवाज उठाई और नर्सिंग कौंसिल दफ्तर के चक्कर लगाकर चप्पलें घिस चुकी हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। जिस कारण तिरुपति नर्सिंग कॉलेज के 300 से अधिक छात्रों का भविष्य दाव पर है। गौरतलब है नर्सिंग शिक्षा के लिए आईएनसी और आरएनसी ने तिरुपति कॉलेज ऑफ नर्सिंग में अध्यनरत छात्रों को 2016.17, 2017.18, 2018.19, 2019.20 एवं 2020.21 बैच को राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दोनों सरकारी एजेंसियों से मान्यता दी गई। विद्यार्थियों ने मान्यता देखकर ही कॉलेज में दाखिला लिया तब से वे नियमित अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया जिसे राज्य सरकार ने मंजूर करते हुए तब से संबंधित विद्यार्थियों को आज तक छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं। 13 जनवरी 2022 को सरकार द्वारा लेटर जारी कर कॉलेज को अवगत कराया गया कि 2021.22 से मान्यता को रद्द किया जाता है किंतु उस लेटर में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं किया कि पिछले बैच पर यह आदेश लागू होगा। यहां अध्ययनरत बच्चों की विडंबना है इन्होंने मान्यता देखकर कॉलेज में दाखिला लिया था। सरकार द्वारा समय समय पर दी जा रही छात्रवृत्तियां उन्हें मिली लेकिन अब इनका भविष्य अधर में है।
उदयपुर के पेसिफिक मेडिकल विश्वविधालय के तहत संचालित होने वाले तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग के सैकड़ों छात्र कॉलेज की मान्यता एवं आरएन नंबर के लिए आज माननीय स्वास्थ्य मंत्री से मिले एवं ज्ञापन देकर बताई अपनी व्यथा बताई। इसी सदर्भ में एवं कल माननीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष जयपुर में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक धरना प्रदर्शन करेगें। नर्सिंग विधार्थी विकास सारंग ने बताया कि उदयपुर स्थित तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग में अध्यनरत 300 से अधिक नर्सिंग छात्रों के भविष्य दाव पर लगा हुआ है। कॉलेज की मान्यता रद्द करने के सरकार के फैसले के बाद नर्सिंग छात्रों में जबरदस्त रोष है। छात्र विगत कई दिनों से कॉलेज में अपनी मानसिक वेदना को प्रबंधन के सामने प्रकट कर रहे हैं और अनुरोध कर रहे हैं कि सरकार के समक्ष उनकी बात को प्रमुखता से रखा जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए। लेकिन कॉलेज प्रबन्धन की कोशिशो के बाद भी मसला हल नहीं हो पाया। दरअसल नर्सिंग की शिक्षा के लिए दो सरकारी एजेंसियां नियुक्त की जाती है पहले आईएनसी और दूसरी आरएनसी तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग में अध्यनरत छात्रों को 2016-17 से लेकर 2020-21 तक के विद्यार्थियों को राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दोनों सरकारी एजेंसियों से मान्यता दी गई, विद्यार्थियों ने मान्यता देखकर ही कॉलेज में दाखिला लिया तब से वह यहां नियमित विद्या अध्ययन कर रहे हैं. उन्होंने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की किया जिसे राज्य सरकार ने मंजूर करते हुए तब से संबंधित अध्यनरत विद्यार्थियों को छात्रवृतियां आज तक प्रदान की जा रही है । गत 13 जनवरी 2022 को सरकार द्वारा एक लेटर जारी कर कॉलेज को अवगत कराया गया की 2021-22 से मान्यता को रद्द किया जाता है किंतु उस लेटर में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि पिछले बेच के बच्चों पर ये आदेश लागू होगा । यहां अध्ययनरत बच्चों की विडंबना यह है इन बच्चों ने मान्यता देख कॉलेज में दाखिला लिया, सरकार द्वारा समय-समय पर दी जा रही छात्रवृत्तियों उन्हें मिली किंतु आज इनका भविष्य अधर में है, इनमें से कई बच्चों ने लोन से अपनी शिक्षा को पूर्ण किया आज लोन चुकाना मुश्किल हो रहा है, क्यूंकि बच्चे 2 वर्षों से बिना जॉब के बेकार घूम रहे हैं और मानसिक अवसाद की स्थिति में है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने आरएनसी द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया उनकी रिपोर्ट मैं सभी कुछ सही पाया गया आर एन सी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश कर दी है किंतु अभी तक सरकार द्वारा उस के ऊपर कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। मेरे पिताजी ने प्राइवेट नौकरी करते है एवं मुझे पढाने के लिए बैक से लोन लिया घर खर्च के साथ ही बैक की किस्त चुका रहे है साथ ही मेरे छोटे भाई-बहिनों की जिम्मेदारी भी उन पर है मैने सोचा नर्सिग करने के बाद अपने पिताजी का वनज थोड़ा कम 'जाऐगा लेकिन पता नही अब क्या होगा विकास सारंग, नर्सिंग विधार्थी - मेरे पिताजी ने साहूकार से मेरे को पढ़ने के लिए उधार लिया और मेरी पढ़ाई के लिए लगाया अब में कैसे मेरे पिताजी उसको चुका पाएंगे। क्यों उनकी उम्मीद मैं ही हूँ - हर्ष टेलर, नर्सिग विधार्थी नर्सिंग की पढ़ाई के दौरान मुझे चारों साल तक स्कॉलरशिप मिली और पूरा पैसा मुझे मिला। अगर स कॉलेज मान्यता प्राप्त नहीं था तो ज सरकार ने स्कॉलरशिप क्यों दी कीर्ति कुमारी, नर्सिग विधार्थी - ह स मेरे घर में मेरी माँ छोटी मोटी स नौकरी करके घर का गुजारा चलाती ग है और अपनी जमीन बेच के मेरी माँ रा ने मुझे पढ़ाने के लिए भेजा लेकिन प्र अब कैसे हमारा गुजारा होगा राहूल, नर्सिग विधार्थी तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग कॉलेज में विश्वस्तरीय सुविधाए है एवं बच्चों के उच्च प्रशिक्षण के लिए जो भी नियमानुसार आदर्श सुविधाए होनी चाहिए वह हमने उपलब्ध करा रखी है। यह पूरा मामला किसी पूर्वाग्रह से प्रभावित लगता है और ऐसे में हमारा क आग्रह यही है कि बच्चों के भविष्य स को ध्यान में रखते हुए इस समस्या का तुरन्त से समाधान किया जाए। - राहुल अग्रवाल, चेयरपर्सन में पेसिफिक मेडिकल विश्वविधालय स
तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग में अध्यनरत 300 से अधिक नर्सिंग छात्रों के भविष्य पर गहरा संकट छा गया है नर्सिंग छात्रों में इसको लेकर जबरदस्त रोष है विगत कई दिनों से कॉलेज में अपनी मानसिक वेदना को प्रबंधन के सामने प्रकट कर रहे हैं और अनुरोध कर रहे हैं कि सरकार के समक्ष उनकी बात को प्रमुखता से रखा जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए नर्सिंग की शिक्षा के लिए दो सरकारी एजेंसियां नियुक्त की जाती है पहले आईएनसी और दूसरी आरएनसी तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग में अध्यनरत - छात्रों को 2016-17 से लेकर 2020-21 तक - के विद्यार्थियों को राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित सरकारी दोनों एजेंसियों से मान्यता दी गई विद्यार्थियों ने मान्यता देखकर ही कॉलेज में दाखिला लिया तब वह यहां नियमित विद्या अध्ययन कर रहे हैं उन्होंने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की किया जिसे राज्य सरकार ने मंजूर करते हुए तब से संबंधित अध्यनरत विद्यार्थियों को छात्रवृतियां आज तक प्रदान की जा रही है । मुख्य रूप से कठिनाई बीएससी एमएससी पोस्ट बेसिक के विद्यार्थियों को लेकर है कॉलेज में 16-17 में आईएनसी में अप्लाई किया उसे परमिशन मिलने के बाद राजस्थान नर्सिंग काउंसलिंग में अप्लाई किया इन बच्चों को एक आरएन ( त्छ ) नंबर इशू होता है जो छ द्वारा इशू हम हमारा मांगते. किया जाता है उनकी परमिशन के पश्चात ही बच्चों ने संबंधित कॉलेज में दाखिला लिया समाज कल्याण व अन्य छात्रवृतियां राज्य सरकार द्वारा समय समय पर प्रदान की गई जो आज तक जारी है मुख्य रूप से परेषानी 2016-17,2017-18,2018-19, 2019- 20 और 2020-21 बैच के विद्यार्थियों को लेकर आ रहा है गत 13 जनवरी 2022 को सरकार द्वारा एक लेटर जारी कर कॉलेज को अवगत कराया गया की 2021-22 से मान्यता को रद्द किया जाता है किंतु उस लेटर में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि पिछले बेच के बच्चों पर ये आदेश लागू होगा। यहां अध्ययन बच्चों की विडंबना यह है इन बच्चों ने मान्यता देख कॉलेज में दाखिला लियाए सरकार द्वारा समय-समय पर दी जा रही छात्रवृत्तियों उन्हें मिली किंतु आज इनका भविष्य अधर में है इनमें से कई बच्चों ने लोन से अपनी शिक्षा को पूर्ण किया आज लोन चुकाना मुश्किल हो रहा है बच्चे 2 वर्षों से बिना जॉब के बेकार घूम रहे हैं और मानसिक अवसाद की स्थिति में है इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने आरएनसी द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया उनकी रिपोर्ट मैं सभी कुछ सही पाया गया आर एन सी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश कर दी है किंतु अभी तक सरकार द्वाराउस के ऊपर कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। तीनों कोर्सों के लिए विधिवत्त कमेटी का गठन हुआ और उन्होंने अपनी रिपोर्ट्स पेश कर दी। मेरे पिताजी ने प्राइवेट नौकरी करते है एवं मुझे पढाने के लिए बैक से लोन लिया घर खर्च के साथ ही बैक की किस्त चुका रहे है साथ ही मेरे छोटे भाई-बहिनों की जिम्मेदारी भी उन पर है मैने सोचा नर्सिग करने के बाद अपने पिताजी का वनज थोड़ा कम हो जाऐगा लेकिन पता नही अब क्या होगा । विकास सारंग, नर्सिग विधार्थी मेरे पिताजी ने साहूकार से मेरे को पढ़ने के लिए उधार लिया और मेरी पढ़ाई के लिए लगाया अब में कैसे मेरे पिताजी उसको चुका पाएंगे। क्यों उनकी उम्मीद मैं ही हूँ - हर्श टेलर, नर्सिग विधार्थी नर्सिंग की पढ़ाई के दौरान मुझे चारों साल तक स्कॉलरशिप मिली और पूरा पैसा मुझे मिला। अगर कॉलेज मान्यता प्राप्त नहीं था तो सरकार ने स्कॉलरशिप क्यों दी - कीर्ति कुमारी, नर्सिग विधार्थी मेरे घर में मेरी माँ छोटी मोटी नौकरी करके घर का गुजारा चलाती है और अपनी जमीन बेच के मेरी माँ ने मुझे पढ़ाने के लिए भेजा लेकिन अब कैसे हमारा गुजारा होगा राहूल, नर्सिग विधार्थी ।
We are thrilled to share the news of a successful surgery performed at PMCH! Our skilled medical team has achieved a remarkable milestone by performing a complex esophageal duplication cyst surgery on a 7-month-old baby. This significant achievement highlights our commitment to providing exceptional medical care and innovative treatments. Congratulations to our dedicated doctors and medical staff for their hard work and expertise
पेसिफिक मेडिकल विष्वविधालय की ओर से अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस में अपनी भागीदारी निभाने के उददेष्य से सरकार के तयषुदा कार्यक्रम के अनुसार योगाभ्यास किया गया। कार्यक्रम के इस अवसर पर विष्वविधालय के वाइस चॉसलर डॉ. एम. एम. मंगल ने कहा कि योग इस विष्व में एक ऐसी विधा है जिसके द्वारा मनुष्य न केवल वृध्दावस्था में युवाओ के समान फिट रह सकता है बल्कि सुन्दर भी बन सकता है। इस अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल, पोर्सिफक डेन्टल कॉलेज एण्ड रिसर्च सेन्टर के साथ साथ विष्वविधालय के संगठक कॉलेजों के विधार्थियो एवं फैकल्टी मेम्बरो ने भाग लिया। इस अवसर पर पीएमयू की प्रो. वी. सी. एवं फिजियोलॉजी की प्रोफेसर डॉ.संगीता चैहान, बायोकैमिस्ट्री विभाग की प्रोफेसर एवं हेड डॉ.नीता साही,जनरल सर्जरी में प्रोफेसर एवं योग प्रशिक्षक डॉ. गुरुदत्त बसरूर सहित अन्य डीन एण्ड डायरेक्टर उपस्थित रहे।
पैसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में नर्सिंग कर्मियों के लिए डायबिटीज जागरूकता एवं इंसुलिन के उपयोग व रखरखाव पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. निलेश पाटीदार ने नर्सिंग कर्मियों को डायबिटीज से जुड़ी भ्रांतियों तथा इंसुलिन के सही उपयोग और लगाने के तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी। डॉ. पाटीदार ने बताया कि लगभग पचास प्रतिशत लोगों को यह पता ही नहीं होता कि वे मधुमेह रोग से ग्रसित हैं। समय पर चिकित्सकीय सलाह, नियमित जांच एवं उपचार के माध्यम से मधुमेह को नियंत्रित कर उससे होने वाली जटिलताओं से बचा जा सकता है। कार्यशाला के दौरान नर्सिंग अधीक्षक भारत पाटीदार, रमेश आर्य, चंद्रकांत सखदेव, स्वीटी जोशी व गजेंद्र मेघवाल सहित 40 से अधिक नर्सिंग कर्मियों ने भाग लिया।
PMCH,उदयपुर के डॉक्टरों ने 2 साल की चेतना को नया जीवन दिया। चेतना को गंभीर स्वास्थ्य समस्या थी, जिसे सर्जरी के माध्यम से सफलतापूर्वक ठीक किया गया। डॉक्टर अल्का माथुर और डॉ. एस.पी. सिंह के नेतृत्व में डॉ. उमेश, डॉ. सोफिया, डॉ. ईशान और डॉ. निधि सहित टीम ने यह महत्वपूर्ण सर्जरी की। चेतना के माता-पिता ने डॉक्टरों का आभार व्यक्त किया और अस्पताल के प्रशासन ने सफल इलाज पर खुशी जताई।
उदयपुर में PMCH स्ट्रोक और एक्स कॉन्फ्रेंस 2024 रिहेबिलिटेशन की आधुनिक तकनीक एवं सिरदर्द के कारणों पर मंथन!
11वीं उदयपुर कॉन्कॅस ऑन स्ट्रोक एंड एक्स आयोजित हो रहा है, जहाँ मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ, न्यूरो रिहेबिलिटेशन एक्सपर्ट्स और चिकित्सक शिरकत करेंगे। यह एक अद्भुत अवसर है जहाँ आप: स्ट्रोक और एक्स के बारे में नवीनतम जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मस्तिष्क रोगों की रोकथाम और प्रबंधन के बारे में जान सकते हैं। विशेषज्ञों से अपने प्रश्नों का उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। अन्य चिकित्सकों और रोगियों से जुड़ सकते हैं। यह कार्यक्रम सभी के लिए खुला है, इसलिए यदि आप मस्तिष्क स्वास्थ्य में रुचि रखते हैं, तो आज ही शामिल हों!
यह शिविर महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया था। हम महिलाओं को उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने और नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
पैसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, भीलों का बेडला की ओर से आज मंगलवार 4 जून को सीपीआर जागरूकता सप्ताह के तहत सेंट्रल जेल उदयपुर के जेल प्रहरी एवं कर्मचारियों को सीपीआर एवं फर्स्ट एड का प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर पीएमसीएच के विशेषज्ञों द्वारा सेंट्रल जेल के कर्मचारियों को सीपीआर एवं फर्स्ट एड का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। पैसिफिक के चेयरमैन राहुल अग्रवाल ने बताया कि आपातकालीन स्थिति जैसे अचानक दिल के दौरे में सीपीआर की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिससे किसी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि सीपीआर जागरूकता सप्ताह के तहत विभिन्न संस्थानों में पीएमसीएच द्वारा सीपीआर एवं फर्स्ट एड की कार्यशालाएं आयोजित कर जन-जागरूकता फैलाई जाएगी।
पीएमसीएच में मरीजों की भारी भीड़ के बावजूद, आपके स्वास्थ्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है। डॉक्टरों, नर्सों और सहायक कर्मचारियों की हमारी समर्पित टीम हर मरीज को सर्वोत्तम संभव देखभाल प्रदान करने के लिए अथक प्रयास कर रही है। हम आपके द्वारा अनुभव किए जा रहे लंबे इंतजार के समय और निराशा को समझते हैं, और किसी भी असुविधा के लिए हम ईमानदारी से माफी मांगते हैं।
पैसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के कान, नाक, गला (ईएनटी) रोग विभाग की ओर से राइनोलॉजी सर्जिकल वर्कशॉप उदयपुर चैप्टर–1 का आयोजन किया गया। दो दिवसीय इस कार्यशाला में देश के कई प्रतिष्ठित ईएनटी विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यशाला का संयोजन सचिव डॉ. एम.एम. कोठारी ने किया। डॉ. एम.एम. कोठारी ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य राइनोलॉजी के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और शोध पर चर्चा करना तथा उन्हें साझा करना था। इस अवसर पर विभिन्न सत्र आयोजित किए गए, जिनमें नाक से संबंधित बीमारियों के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गई। कार्यशाला का उद्घाटन पैसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डॉ. एम.एम. मल्ल द्वारा किया गया। इस अवसर पर उदयपुर के प्रसिद्ध ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. आर.एस. अग्रवाल, डॉ. अरुण जोशी, डॉ. पी.पी. जैन सहित अनेक वरिष्ठ चिकित्सक उपस्थित रहे। इस कार्यशाला में युवा एवं अनुभवी सर्जनों के लिए उपयोगी सत्र आयोजित किए गए, जिससे प्रतिभागियों को नवीन सर्जिकल तकनीकों की जानकारी प्राप्त हुई। ईएनटी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुगम ने सभी प्रतिभागियों, वक्ताओं और आयोजकों का आभार व्यक्त किया।
52 वर्षीय मरीज को हेपैटिक एन्सेफैलोपैथी नामक गंभीर बीमारी से पीएमसीएच में नया जीवन मिला। मरीज 20 साल से शराब का सेवन कर रहा था। 22 दिनों के इलाज के बाद मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया है।
पैसिफिक मेडिकल विवि के पैसिफिक कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी में एक दिवसीय चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें कॉलेज के विद्यार्थियों को गुरु सिखाए गए। इन्होंने बढ़-चढ़कर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में डॉ. राहुल गोचर ने स्टूडेंट्स को प्रशिक्षण दिया। प्रतियोगिता के तहत छात्रों को पेंटिंग से मानसिक तनाव कम करने के साथ-साथ जीवन में सकारात्मक रहने का संदेश दिया गया। कार्यक्रम में कॉलेज डीन डॉ. जफर खान, आशीष शर्मा, डॉ. दीपक लोहार, डॉ. फारूक मोहम्मद, डॉ. रेणुका पाल, डॉ. आदिल रजा अंसारी, डॉ. शुभम मेनारिया सहित कॉलेज छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। संचालन डॉ. सोनम सोनी ने किया।
शहर में चिकित्सकों ने 3 साल की बच्ची की श्वास नली में फंसे मक्के के दाने को ऑपरेशन कर निकाला और उसकी जान बचाई है. एमपी के मंदसौर निवासी 3 बर्षीय बच्ची रियॉसी ने मक्के का दाना निगल लिया जो बच्ची की श्वास नली में फंस गया. जिसके कारण उसे लगातार खांसी और सीने में दर्द के साथ साथ श्वास लेने में दिक्कत होने लगी. बच्चे की ऐसी स्थिति को देखते हुए परिजन उसे तुरन्त पीएमसीएच की इमरजेन्सी में लेकर आए. इमरजेन्सी में कान, नाक एवं गला रोग विशेषज्ञ डॉ शिव कौशिक ने तुरन्त बच्चे की जांच करने पर पता चला कि बच्ची के दोनो फेफड़ों के बीच में श्वास नली में कुछ बीज जैसा फंसा हुआ है. जिसकी वजह से उसे श्वास लेने में तकलीफ हो रही है. बच्ची का तुरन्त ऑपरेशन करना जरूरी था. चिकित्सकों की टीम ने बिना समय गंवाए बच्ची की बॉन्कोस्कापी करने का निर्णय लिया एवं सफलता पूर्वक मक्के के दाने को निकाल लिया गया. इस सफल ऑपरेशन में कान, नाक एवं गला रोग विभाग के डॉ एसएस कौशिक, डॉ रिचा गुप्ता, डॉ प्रकाश औदित्य, डॉ समीर गोयल एवं टीम का सहयोग रहा.
पैसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, उदयपुर एवं सकल जैन समाज चावंड के संयुक्त तत्वावधान में चावंड में नि:शुल्क चिकित्सा जांच एवं परामर्श शिविर का आयोजन हुआ। शिविर के अंतर्गत 200 से अधिक महिला रोगियों सहित कुल 300 मरीजों को पीएमसीएच के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा नि:शुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गईं। इस शिविर में डॉ. अतुलाभ वालपीटी, डॉ. हिमांशु दुबे नेत्र रोग, अस्थि रोग, शिशु रोग, ईएनटी एवं टी.बी. रोग, जनरल मेडिसिन तथा नेत्र रोग विशेषज्ञों ने अपनी सेवाएं दीं। मरीजों की जांच कर उन्हें उचित परामर्श व उपचार संबंधी जानकारी दी गई।
मेडिकल चिकित्सा के क्षेत्र में लगातार उपलब्धियां हासिल कर रहे उदयपुर के भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में एक महिला ने तीन बच्चों को जन्म दिया। ये बच्चें गर्भावस्था के 34वें सप्ताह में नियत तारीख से 6 सप्ताह पहले समय से पहले पैदा हुए थे। प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की विभागघ्यक्ष एवं ऑपरेटिंग सर्जन डॉ. राजरानी शर्मा ने बताया की पीएमसीएच में सिजेरियन सेक्शन द्वारा बिना किसी जटिलता के तीन बच्चों का जन्म हुआ। शिशुओं का वजन 1.84 किलोग्राम, 1.65 किलोग्राम और 1.49 किलोग्राम था। गर्भावस्था अत्यधिक जोखिमपूर्ण थी क्योंकि माँ गर्भकालीन मधुमेह,प्री एक्लम्पसिया,एनीमिया और हाइपोथायरायडिज्म का आदि समस्याओं से ग्रसित थी।
एक महिला को अपने जीवन मे कई सारे बदलावों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इस दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जन जागरूकता लाने के मकसद से पेसिफिक मेडिकल काॅलेज एण्ड हास्पिटल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की ओर से सुरक्षित मातृत्व,(प्रसव पूर्व एवं प्रसव उपरान्त) सर्वाइकल कैंसर, बांझपन और रजोनिवृत्ति जैसे विषयों पर पुस्तिकाओ का विमोचन पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी, उदयपुर के चेयरपर्सन राहुल अग्रवाल,पीएमसीएच के एक्जिक्यूटिव डाॅयरेक्टर अमन अग्रवाल,प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. राजरानी शर्मा ने किया। विमोचन पर राहुल अग्रवाल ने कहा कि ये पुस्तिकाएं अस्पताल के प्रसवपूर्व,बांझपन और रजोनिवृत्ति क्लीनिकों में आने वाले मरीजों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए एक बड़ा कदम हैं।
पैसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) भीलों का देहला में चिकित्सा शिक्षकों (चिकित्सा शिक्षा में बुनियादी पाठ्यक्रम) के लिए चिकित्सा शिक्षा प्रौद्योगिकियों पर एक कार्यशाला आज से शुरू हुई। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के पर्यवेक्षक प्रो. अभा माथुर, एसोसिएट प्रोफेसर, सामुदायिक चिकित्सा, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की देखरेख में 29 अप्रैल से 1 मई 2024 तक चलने वाली इस कार्यशाला का उद्घाटन पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ. एम.एम. मल्ल ने किया। कार्यशाला के समन्वयक जनरल सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. गौरव वर्धन रहे। डॉ. गौरव वर्धन ने बताया कि इस पाठ्यक्रम के अनुसार मेडिकल कॉलेजों में योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा के तहत छात्रों को पढ़ाने के लिए संकाय सदस्यों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस कार्यशाला में पीएमसीएच की फैकल्टी द्वारा चिकित्सा शिक्षा की नवीन तकनीकों पर व्याख्यान दिए गए। कार्यशाला में 30 प्रतिभागियों (संकाय सदस्यों) ने भाग लिया। इस कार्यशाला का उद्देश्य ऐसे सक्षम डॉक्टर तैयार करना है, जो भविष्य में छात्रों को बेहतर ढंग से शिक्षित कर सकें तथा मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर सकें।
महिलाओं में बच्चेदानी के मुॅह के यानि सर्विक्स कैंसर के इलाज में कारगार कोल्पोस्कॉपी पर पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन पीएमसीएच के चेयरमेन राहुल अग्रवाल,सीईओ शरद कोठारी,पीएमयू के वाइस चॉसलर डॉ.एम.एम.मंगल,एडवाईजर टू चेयरमेन डॉ.ए.पी.गुप्ता, पीएमसीएच के चिकित्सा अधीक्षक ब्रिगेडियर डॉ.आर.के. सिंह, अहमदाबाद की स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं कैंसर सर्जन डॉ.अंजना चौहान, स्त्री रोग ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रौनक भंसाली और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.राजरानी शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन करके किया।
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग ने लिवर एब्सेस से पीड़ित 41 वर्षीय मरीज के लिवर से एक लीटर से ज्यादा मवाद निकाल कर उसे भविष्य में होने वाले गंभीर बीमारी से बचाया। मरीज पिछले 6 महीने से छाती में दर्द, पेट दर्द, बुखार और पसीना आने की समस्या से पीड़ित था। डॉ. वीरेन्द्र गोयल की टीम ने रेडियोलॉजी विभाग की मदद से बिना ऑपरेशन किए मरीज के लिवर से पिगटेल नली लगाकर लगभग एक लीटर से अधिक मवाद निकाली गई। मरीज अभी पूरी तरह से स्वस्थ्य है एवं उसे छुट्टी दे दी गई है |
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल एवं पेसिफिक कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी के संयुक्त तत्वाधान में विश्व गुर्दा दिवस 14 मार्च 2024 के अवसर पर आमजन में जागरूकता लाने के लिए रन फोर किडनी एवं किडनी हैल्थ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. मोहित नरेड़ी ने बताया कि इस जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत फतहसागर पर किडनी हेल्थ फोर ऑल थीम पर एक मैराथन दौड़ का आयोजन कर कि गई इस मैराथन दौड को पीएमसीएच के चेयरमैन राहुल अग्रवाल, ऐक्जिक्यूटिव डॉयरेक्टर अमन अग्रवाल, ने झण्डी दिखाकर रवाना किया
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के वक्ष एवं क्षय रोग विभाग के चिकित्सकों की टीम में 54वर्षीय महिला के फेफड़े में फंसे चने के दाल जैसे टुकडें को निकाल कर नया जीवन दिया।
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के बाल एवं शिशु रोग विभाग की ओर से एक दिवसीय बेसिक लाइफ सपोर्ट पाठ्यक्रम पर कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला का शुभारंभ अस्पताल के कार्यकारी निदेशक अमन अग्रवाल, सीईओ शरद कोठारी, प्रिसिंपल डॉ. एम.एम मंगल, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर. के. सिंह, बाल एवं शिशु रोग विभाग के डॉ. सुधीर मावड़िया और आई.ए.पी उदयपुर के अध्यक्ष डॉ. भूपेश जैन ने किया |
Renowned motivational speaker, Mohan, is set to deliver a compelling lecture on the topic "Equality and Service: Essential Elements for Harmony in Life" at Pacific Medical College and Hospital (PMCH) in Udaipur on February 3rd. The event, scheduled for 10 am, will be inaugurated by Dr. M. M. Mangal, the principal of PMCH. Describing Mohan as a global humanist dedicated to promoting selflessness over selfishness across generations, Dr. Mangal emphasized Mohan's mission to instill compassion in the hearts of people. Mohan firmly believes that humanity is the best religion for mankind, and non-violence is the finest practice in thoughts, words, and actions.